शामली, जेएनएन। जुमे को ईद-उल फितर का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया। मस्जिदों-घरों में शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए नमाज अदा की गई। अधिकांश मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। गरीबों के लिए जकात व कोरोना महामारी से बचाव के लिए घरों में रहने, वैक्सीनेशन कराने की अपील मस्जिदों से की गई। कस्बे की ईदगाह, मौलवी वाली मस्जिद, जुमा मस्जिद, मुन्नी वाली मस्जिद, पुराने बस स्टैंड स्थित मस्जिद, मदरसा मस्जिद, दरबार वाली मस्जिद, बादी वाली मस्जिद व अन्य मस्जिदों में गाइडलाइन का पालन करते शुक्रवार में ईद उल फितर की नमाज सुबह 6:15 बजे से अदा कराई गई। एक समय में 5-10 लोगों को शारीरिक दूरी के साथ नमाज अदा कराई। मौलवियों वाली मस्जिद में शहर काजी सारिक हुसैन ने ईद की नमाज अदा कराने के बाद बताया कि रमजान मुबारक पवित्र महीना होता है। इस महीने में इबादत, रोजा, नमाज अदा की गई। इस महीने में जकात व सदका फर्ज है। ईद की नमाज अदा करने से पहले गरीबों को माल का एक चौथाई हिस्सा जकात करना चाहिए ताकि वे गरीब हमारी तरह खुशियों के साथ ईद में शामिल हो सकें। सदका जान का होता है। पाबंदी से पांचों वक्त की नमाज अदा करनी चाहिए। कोरोना महामारी का ध्यान रखते घरों में रहे, वैक्सीनेशन कराएं।
शामली, जेएनएन। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों के खाते में मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली किश्त भेजी गई है। जिले में 1.15 लाख किसानों को लाभ मिला है। खातों में दो-दो हजार रुपये जल्द पहुंच जाएंगे। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व योजना शुरू की गई थी। इसके तहत लघु एवं सीमांत किसानों को छह हजार रुपये सालाना दिए जाने का निर्णय लिया था। बाद में योजना सभी किसानों के लिए लागू कर दी थी। हालांकि अपात्रता के भी कुछ मानक रखे गए हैं। वर्ष-2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल किसानों की संख्या 1.07 लाख थी, जिसमें 1.01 लाख लघु एवं सीमांत किसान थे। वर्ष 2011 से लेकर अब तक किसानों के बंटवारे हुए हैं और ऐसे में पंजीकृत किसानों की संख्या 1.35 लाख से अधिक हो गई है। कुल किसानों में से योजना के तहत अपात्र किसानों की संख्या करीब पांच हजार ही है। उप निदेशक कृषि डा. शिवकुमार केसरी ने बताया कि जिले में 1.30 लाख किसान योजना के पात्र हैं। वर्ष 2019 में योजना शुरू हुई थी। शुक्रवार को जिले के 1.15 लाख किसानों के खाते में वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली किश्त भेजी गई है। हो सकता है कि पैसा ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में दो-तीन दिन लग जाएं। शेष किसानों को भी धनराशि जल्द जारी हो जाएगी। किसान पीएम किसान पोर्टल पर जाकर लाभार्थियों की सूची में अपना नाम चेक कर सकते हैं। योजना में एक वर्ष में छह हजार रुपये दो-दो हजार रुपये की किश्त के रूप में मिलते हैं।
शामली, जेएनएन। अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम जयंती घरों में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भगवान परशुराम का स्मरण कर पूजा अर्चना की गई। गांव चंदेनामाल में सूरज शर्मा के आवास पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव गाइडलाइन का पालन करते आयोजित किया । भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनका स्मरण किया। पंडित सौरभ शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। उनका जन्म त्रेता युग में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में हुआ था। उनकी शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं रीचिक ऋषि के आश्रम में हुई थी। भगवान शंकर से शिक्षा प्राप्त करने के लिए भगवान परशुराम कैलाश पर्वत चले गए वहां भगवान शंकर ने उन्हें दिव्य अस्त्र और शक्तियां प्रदान की। सीता स्वयंवर में भगवान राम ने जिस धनुष को तोड़ वह भी भगवान परशुराम ने भगवान शंकर से प्राप्त किया था। इसीलिए भगवान परशुराम धनुष मर्दन पर क्रोधित हुए थे। पृथ्वी पर भगवान परशुराम वैदिक संस्कृति के प्रचार प्रसार वाहक थे। सूरज शर्मा, मोनू शर्मा, अजीत शर्मा, करण शर्मा, सौरभ शर्मा, उमेश शर्मा, अनुज शर्मा, अंकुश शर्मा, अंकित शर्मा, अभिषेक शर्मा, विनीत शर्मा, विशाल शर्मा जन्मोत्सव में शामिल रहे। कस्बे में पंडित राधेश्याम शर्मा के आवास पर जयंती मनाई। भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। शामली, जेएनएन। अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम जयंती घरों में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भगवान परशुराम का स्मरण कर पूजा अर्चना की गई। गांव चंदेनामाल में सूरज शर्मा के आवास पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव गाइडलाइन का पालन करते आयोजित किया । भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनका स्मरण किया। पंडित सौरभ शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। उनका जन्म त्रेता युग में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में हुआ था। उनकी शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं रीचिक ऋषि के आश्रम में हुई थी। भगवान शंकर से शिक्षा प्राप्त करने के लिए भगवान परशुराम कैलाश पर्वत चले गए वहां भगवान शंकर ने उन्हें दिव्य अस्त्र और शक्तियां प्रदान की। सीता स्वयंवर में भगवान राम ने जिस धनुष को तोड़ वह भी भगवान परशुराम ने भगवान शंकर से प्राप्त किया था। इसीलिए भगवान परशुराम धनुष मर्दन पर क्रोधित हुए थे। पृथ्वी पर भगवान परशुराम वैदिक संस्कृति के प्रचार प्रसार वाहक थे। सूरज शर्मा, मोनू शर्मा, अजीत शर्मा, करण शर्मा, सौरभ शर्मा, उमेश शर्मा, अनुज शर्मा, अंकुश शर्मा, अंकित शर्मा, अभिषेक शर्मा, विनीत शर्मा, विशाल शर्मा जन्मोत्सव में शामिल रहे। कस्बे में पंडित राधेश्याम शर्मा के आवास पर जयंती मनाई। भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।